SIP Investment: अगर आप हर महीने सिर्फ ₹2000 की SIP (Systematic Investment Plan) करते हैं, तो 15 साल में यह छोटी-सी रकम एक बड़ा फंड बन सकती है। Mutual Fund कंपनियों की SIP स्कीम में लगातार निवेश करने पर लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। और अगर आपने सही फंड चुना और नियमितता बनाए रखी, तो ₹50 लाख तक का फंड बनना नामुमकिन नहीं है।
15 साल में ₹50 लाख कैसे बनेंगे SIP का सीधा गणित
अगर आप ₹2000 महीने की SIP करते हैं और सालाना औसतन 18% का रिटर्न मान लें (जो कई Equity Mutual Funds ने बीते वर्षों में दिया है), तो 15 साल बाद आपका कुल निवेश ₹3.6 लाख होगा। लेकिन कंपाउंडिंग की ताकत से आपकी यह राशि ₹50 लाख के आसपास पहुँच सकती है। यहाँ कोई जादू नहीं है, बस नियम बहुत सिंपल है लंबे समय तक, लगातार, एक ही रकम डालते रहना और अच्छा फंड चुनना। Mutual Fund में SIP करवाने का फायदा यही है कि छोटे निवेश से बड़ा रिटर्न मिलता है, और शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर समय के साथ घटता जाता है।
SIP में हर महीने ₹2000 डालने पर कितना निवेश और कितना ब्याज मिलेगा?
अब जरा और साफ-साफ बात करें। अगर आपने 15 साल तक हर महीने ₹2000 डाले, तो कुल मिलाकर आपने अपनी जेब से ₹3,60,000 लगाए। लेकिन अगर सालाना 18% का रिटर्न मिला, तो मैच्योरिटी पर आपको करीब ₹50,00,000 तक मिल सकते हैं। यानी सिर्फ ₹3.6 लाख की SIP से करीब 46.5 लाख का ब्याज जुड़ जाएगा। कई लोग सोचते हैं कि इतनी बड़ी रकम सिर्फ लाखों निवेश करने से ही मिलती है, लेकिन SIP की खासियत ही यही है कि कम से कम पैसे से भी लंबी अवधि में बड़ा फंड बन सकता है वो भी बिना एकमुश्त भारी रकम लगाए।
SIP से करोड़पति बनने की शुरुआत छोटे कदम से ही होती है
₹2000 की SIP भले ही एक मामूली रकम लगे, लेकिन अगर आप इसे लम्बे समय तक जारी रखते हैं और फंड का चयन सही करते हैं, तो आगे चलकर यही आदत आपको करोड़ों के करीब पहुँचा सकती है। अगर कोई 25 साल की उम्र में SIP शुरू करता है और 15–20 साल इसे चालू रखता है, तो रिटायरमेंट के वक्त उसके पास एक मजबूत फाइनेंशियल बैकअप तैयार हो सकता है। और ये भी जरूरी नहीं कि शुरुआत से ही बड़ी रकम SIP में डालनी हो। जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, वैसे-वैसे SIP की राशि भी बढ़ाई जा सकती है। इस फंडे को Step-up SIP कहते हैं, जो लंबी अवधि में फंड को और तेज़ी से बढ़ाता है।
SIP के लिए कौन-से फंड सही रह सकते हैं?
यह तय करना कि किस फंड में SIP करें, पूरी तरह आपकी जोखिम उठाने की क्षमता और समयसीमा पर निर्भर करता है। Equity Mutual Funds आमतौर पर ज्यादा रिटर्न देते हैं, लेकिन उनमें उतार-चढ़ाव भी होता है। अगर आपका निवेश लक्ष्य 10 साल या उससे ज्यादा का है, तो Equity SIP एक बेहतर विकल्प बन सकती है। Multicap या Flexicap Funds में SIP करने से आपको अलग-अलग सेक्टर में डाइवर्सिफाइड एक्सपोजर मिलता है, जिससे जोखिम थोड़ा कम हो जाता है और रिटर्न बेहतर हो सकता है। कुछ लोग ELSS फंड को भी चुनते हैं क्योंकि उसमें टैक्स बचत का फायदा भी मिलता है। लेकिन ध्यान रहे SIP फंड का चयन आंख मूंदकर नहीं करना चाहिए। फंड का पिछले 5 से 10 साल का प्रदर्शन, फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड, और निवेश का उद्देश्य अच्छे से समझ लेना जरूरी है।
SIP में सफलता का सबसे बड़ा नियम डिसिप्लिन
SIP से लाखों या करोड़ों बनाने के लिए सबसे जरूरी बात है नियमितता। बहुत से लोग शुरुआत तो करते हैं लेकिन कुछ महीनों बाद SIP रोक देते हैं। ऐसे में कंपाउंडिंग का असली फायदा नहीं मिल पाता। अगर आपने एक बार SIP चालू की है, तो उसे रोके बिना चालू रखें। बीच में मार्केट गिरता है तो भी घबराएं नहीं, बल्कि SIP जारी रखें क्योंकि उसी समय कम कीमत पर ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं। यही तो SIP की सबसे बड़ी खूबी है वो आपको बाजार के समय को पकड़ने की जरूरत से बचाती है।
15 साल में 50 लाख का फंड बनाना कोई सपना नहीं
₹2000 महीने की SIP से 15 साल में 50 लाख तक पहुँचना एकदम मुमकिन है बस रिटर्न 16%–18% के बीच रहा तो ये टारगेट आराम से मिल सकता है। और अगर रिटर्न थोड़ा कम भी रहा, तो भी ₹30–40 लाख का फंड तो बन ही जाएगा जो ₹3.6 लाख के निवेश पर बहुत बड़ी कमाई मानी जाएगी। यह काम उन लोगों के लिए और भी आसान है जो अभी कम उम्र में हैं और जल्दी शुरुआत कर सकते हैं। जितना जल्दी शुरुआत, उतना बड़ा फंड यही SIP का असली खेल है।
Disclaimer: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई गणनाएँ अनुमानित रिटर्न पर आधारित हैं और वास्तविक रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं। निवेश से पहले फंड का पूरा विश्लेषण करें और यदि जरूरी हो, तो किसी पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।